Dr. Koralla Raja Meghanadh
कॉक्लियर इम्प्लांट का आयु और वारंटी
कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी जीवन भर में एक बार की जाने वाली सर्जरी है। जब लोग कहते हैं कि कॉक्लियर इम्प्लांट आजीवन चलने वाली है, तो उनका मतलब होता है कि आंतरिक रूप से प्रत्यारोपित रिसीवर- स्टिम्युलेटर को जीवन भर काम करना चाहिए। लेकिन अपवाद मौजूद हैं।
तो, कब तक कॉक्लियर इम्प्लांट ठीक से काम करते हैं?

कॉक्लियर इम्प्लांट पर आधिकारिक वारंटी
लेखक के अनुसार, कॉक्लियर इम्प्लांट निर्माण कंपनियां आंतरिक कॉम्पोनेन्ट पर दस साल की रिप्लेसमेंट गारंटी देती हैं, यानी, अगर रिसीवर- स्टिम्युलेटर शल्य चिकित्सा द्वारा सिर के अंदर सशर्त रूप से लगाया जाता है| आउटर पीस यानी साउंड प्रोसेसर की केवल 3 साल की वारंटी है। आकस्मिक क्षति के दौरान, ये वारंटी लागू नहीं होती हैं।
साउंड प्रोसेसर का जीवनकाल रिसीवर- स्टिम्युलेटर से कम होता है। साउंड प्रोसेसर की कीमत 3,00,000 रुपये से लेकर 7,00,000 रुपये के बीच हो सकती है। ये लागत US डॉलर के लगभग 3800USD से 8800USD तक होती है। अधिक जानकारी हमारा लेख कॉक्लियर इम्प्लांट्स की लागत पर पढ़ें।
मान लीजिए कि वारंटी अवधि के अंदर कोई निर्माण दोष या टूट-फूट होती है। उस स्थिति में, डॉ. के.आर. मेघनाथ के अनुसार कंपनी कॉक्लियर इम्प्लांट को बदल देगी। लेकिन, यह बहुत ही कम होता है, और लेखक ने अपने अभी तक के 600 मामलों में इसे व्यक्तिगत रूप से कभी नहीं देखा है।
कॉक्लियर इम्प्लांट्स के साथ लेखक का अनुभव (600 सर्जरी)
पिछले 20 वर्षों में डॉ के.आर. मेघनाथ ने 600 कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी की हैं, और लगभग सभी कॉक्लियर इंप्लांट सही ढंग से काम कर रहे हैं। 600 सर्जरी में से केवल एक मरीज को 12 साल बाद रिवीजन सर्जरी की जरूरत पड़ी थी। इस अपवाद का कारण अभी भी नहीं मिला है, अनुमान है कि कहीं गिरने या किसी दुर्घटना से रिसीवर- स्टिम्युलेटर को नुकसान हुआ है। यदि कोई निर्माण में कमी या कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के एसओपी(स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन न करने से फौल्टी सर्जिकल प्रक्रिया होती, तो उसे पहले ही काम करना बंद कर देना चाहिए था ना कि एक दशक से अधिक समय तक अच्छे से चलना नहीं चाहिए था। अन्य मामलों में, जिन लोगों की सर्जरी हुई, उस रोगी से पहले भी, वे रिवीजन सर्जरी के लिए नहीं पहुंचे।
डॉ. के.आर. मेघनाथ ने कहा कि वर्तमान में उपलब्ध कम्पोनेंट्स की गुणवत्ता बहुत अच्छी है, चाहे वो किसी ब्रांड और किसी मॉडल कुछ भी हो। हालांकि उनका दावा है कि इन्हें जीवन भर काम करना चाहिए, वे यह भी कहते हैं कि इसे साबित करने के लिए सटीक संख्या या आंकड़े अब तक उपलब्ध नहीं हैं। अच्छी संख्या में केस स्टडी के साथ डेटा प्राप्त करने में समय लगेगा।
ध्यान देना
एसओपी का पालन न करने, यानी स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर पर कॉक्लियर इंप्लांट के जीवनकाल और दक्षता को प्रभावित हो सकती है। एसओपी का पालन करना क्यों आवश्यक है, यह समझने के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट लेख के इस भाग को देखें।